मान रख लेना
मान रख लेना
सच-झूठ के इस खेल में
अपने ईमान का मान रख लेना
बस धन-दौलत
ऐशो-आराम का ही नहीं
माँ के दूध पिता के अरमान
का भी मान रख लेना
सच झूठ के इस खेल में
अपने ईमान का मान रख लेना
ऐ मनुष्य ! तू राही है
दूर खड़ी मंज़िल का
सफर में हसरतों का ही
नहीं रास्तों का भी मान रख लेना
ज़िन्दगी में सिर्फ़ जीतने का ही नहीं
लड़कर हारने का भी मान रख लेना
सच झूठ के इस खेल में
अपने ईमान का मान रख लेना
दिमाग से तो करते ही हो
अपने सब काम
फैसलों में अपने कभी
दिल का भी मान रख लेना
परदेश की चका-चौंध की
लिप्सा में भटकने का ही नहीं
जिस मिट्टी में पले-बढ़े कभी
उसका भी मान रख लेना
सच झूठ के इस खेल में
अपने ईमान का मान रख लेना।
