माँ - जीना सिखा दिया
माँ - जीना सिखा दिया
कष्ट और विपत्ति तेरे जीवन की सम्पत्ति
तेरी मेहनत के पसीने ने जीवन पथ सजा दिया
माँ तूने संसार दिखा दिया हमें जीना सिखा दिया।
बचपन में सादगी भरा हमारे बालों को बनाना
माथे पर प्यार से काला टीका लगाना
तेरे इसी विश्वास ने जमाने की बुराइयों से बचा लिया
माँ हमें जीना सिखा दिया।
हमेशा मुस्कुराना शान्त रहने को कहना
विपरीत परिस्थितियों में चमकता तेरा ये गहना
मानवता का अनूठा पाठ पढ़ा गया
माँ हमें जीना सिखा दिया।
मेहनत का फल है मीठा
कछुए की चाल ने भी जीतना सिखा
स्वावलंबन का ये मंत्र
कामयाबी की राह दिखा गया
माँ हमें जीना सिखा दिया।
रिश्तों में बढ़ती कड़वाहट
स्वार्थी मन की झुंझलाहट
त्याग भरी तेरी मुस्कुराहट
क्या अपने क्या पराये
सब को गले लगा लिया
माँ हमें जीना सिखा दिया ।।
याद है बचपन से विदाई तक का सफ़र
कैसे तूने अपने लहू को पसीना बना दिया
माँ हमें जीना सिखा दिया।
प्रतिभा नहीं ये एक संघर्ष निरन्तर है जिज्ञासा
माँ के चरणों में रहूं समर्पित एक है अभिलाषा
कुछ आपके स्नेह ने यूँ बाहु पाश में बांध लिया
माँ हमें जीना सिखा दिया ।।
