लॉकडाउन का समय
लॉकडाउन का समय
जीवन की हर परिस्थिति को
अपनी नजर से देख सकें
मिला सभी मनुष्यों को
यह वरदान है।
कुछ बैठे हैं मायूस
कुछ इसमें भी है खुश
की जान बचाने को हमारी
चल रहा लॉकडाउन है।
कुछ घर बैठ हैं ऊब रहे
घर भी उनको है कैद लगे
कह रहे कैसे बिताएं समय
पूरा दिन घर में रहना नहीं आसान है।
कुछ घड़ी देख समय काट रहे
कुछ इसे अपनों के साथ बांट रहे
कुछ खाने में है व्यस्त
कुछ बना रहे नित नए पकवान हैं।
कुछ रामायण देख रहे
कुछ महाभारत से सीख रहे
जो सीखा उसे बता सबको
हो रहे सभी ज्ञानवान हैं।
कुछ की शादी छूट रही
कुछ की होकर किस्मत फूट रही
नई शादी कर बैठ घर में
कुछ बहुत ही अधिक परेशान हैं।
सरकारी कर्मचारी को छोड़ यदि
देखें बाकी की और अभी
तो कुछ लोग हो रहे बहुत दुखी
जिनकी आमदनी का
नहीं कोई नामोनिशान है।
तुम फिर भी घर में बहुत सुखी
सोचो उनकी जिनके घर की
चौखट पर मौत ने दस्तक दी
एक झटके में जिनका घर
मंदिर से बना शमशान है।
जो फंसे रह गए दूर घर से
सोचो उन पर क्या आन पड़ी
तरस रहे घर आने को
पर आए कैसे क्योंकि लॉकडाउन है।
सबकी सोच कहो अब भी
क्या घर पर भी तुम हो दुखी
यह समय मिला तुम्हें फुर्सत का
बीत जाएगा यह भी
क्योंकि समय तो गतिवान है।
अरे भई समय बहुत बलवान है
यह बहुत ही कीमती और मूल्यवान है
इसका एक-एक पल मानो
हमारी जाती हुई जान है।
इसे काटना क्यों है
इसे जीना है इस तरह
की हर पल करे सहयोग
तुम्हारी प्रगति व कल्याण में।