लॉकडाउन का कमाल
लॉकडाउन का कमाल
लॉकडाउन का हुआ देखो कमाल
सीख ली मैने सब्जी और दाल
सब्जी रोटी बना लेता हूं
चावल भी मैं पका लेता हूं
आजकल कोई कामवाली ना आए
घर का काम करते हुए नानी याद आए
मम्मी भी हो रही बड़ी निहाल
मेरे बेटे ने कर दिया कमाल
जिसने कभी ना गिलास उठाया
आज देखो कितना अच्छा पोछा लगाया।
जिसने ना जाना मसालों का भेद
बना रहा है वो मेरा बेटा कटलेट।
मां अब घर के काम करने को मैं राजी हूं
क्योंकि अब मैं अकेला ही काफी हूं।