देश सेवा
देश सेवा
देशभक्ति भरी है खून में
सब भाई बहन चले फौजी बनने
बाप की छाती और फूल जाए
जब अपने फौजी बच्चों के किस्से सुनाए
मां गर्व से बलिहारी जाए
इतने वीर अपनी कोख से उपजाए
भाई बहन ने भी कोई कसर नहीं छोड़ी
हर बार दुश्मन की कलाई मरोड़ी
दुश्मन भी देख लगे डर से कांपने
जब हाथ में ले बंदूक लगाएं निशाने
मिट्टी से उपजे मिट्टी में मिल जाएंगे
खून का हर कतरा देश के लिए बहाएंगे
