लक्ष्मी किसे नापसंद
लक्ष्मी किसे नापसंद
विकास नामक जश्न से
खुशियां बरसे चहुं ओर
सबके हिस्से में धन आए
फिर तनाव लें क्यों और
लक्ष्मी किसे नापसंद हैं
जो न ले वो मतिमंद
लक्ष्मी की आराधना से
मिले चारों तरफ आनंद
शक्ति के ये चतुर्भुज नेता
अफसर, बाबा औ ठेकेदार
इनकी परिक्रमा में मस्त हैं
देश के सारे चतुर किरदार
जनता की नियति यही कि
सतत रहे पीड़ा से वो पस्त
लोकतंत्र के तीनों ही स्तंभ
लक्ष्मी आराधना में व्यस्त।