लाचार माता पिता
लाचार माता पिता
मां तुम हो न ?
तुम्हारी एक छोटी सी चोट पर
वह खूब रोती !
तुम्हारे बीमार हो जाने पर ,
वह रात भर नहीं सोती !
तुम्हारे ख्वाहिशों के चक्कर में ,
वह अपनी जरूरतें खोती !
कभी सोचा है ....!!?
क्या होता , अगर मां ही ना होती !!!
तुम्हारी परवरिश में ही,
जिसने अपना सब कुछ त्याग दिया !
अगर एक ही रोटी बची,
तो उस पर सदैव तुझे याद किया !
हर दुआ में खुद से पहले,
मां ने तेरा नाम लिया !
और पूरी ज़िन्दगी ही जिसने,
बस तुझसे प्यार किया !!
छोड़ चले वह मां का आंगन,
बसेरा अपना बना लिया !!
भूल चले वह मां का प्यार,
सवेरा था जिसने दिखा दिया !!
और जिस मां के आंचल ने,
तुझे हर बुरी नजरों से था बचा लिया!!
उसी मां को आज तूने,
वृद्धा आश्रम पहुंचा दिया !!