क्या सीखा ?
क्या सीखा ?
मैंने सीखा लगभग सब से ही सीखा
जो देखा उससे से सीखा
जो ना देखा उससे भी सिखा
मैंने नदियों से सीखा
अपने लिए रास्तों का निर्माण
ना कष्ट चिंता पत्थरों के पथ पर
केवल संघर्ष कर सागर में मिलना सीखा
मैंने सीखा सूर्य से
जलना निकलना और ढलना
कोई उम्मीद ना रखना
वापस क्या मिलेगा
मैंने सीखा वायु से
हल्का सा रहना कम विचारों को रखना
और तेज गति से बहना
किसी का जीवन बनना
मैंने सीखा धरती से
कैसे जरूरत समझना
बिना कहे पूर्ण करना
कोई गुमान ना करना
मैंने सीखा चट्टानों से
दृढ़ता के साथ रहना
वास्तविकता और सत्य पर अडिग रहना
मैंने सीखा और सीखा
जीवन जीने का तरीका