कवि के जीवन
कवि के जीवन
कवि होना इतना आसान नहीं है
मन को हमेशा ध्यान में रखना होता है
हमेशा कुछ नया खोज रहे हैं
डायरी और कलम में खुद को
पूरी तरह खो दिया
बाहर की दुनिया और अपने
परिवार को भूलना पड़ता है
दुनिया को अपनी कलम से
सही रास्ता दिखाने के लिए
कभी-कभी रास्ता ही दूषित हो जाता है
कुछ मामलों में लेखन पर तारीफ
और कुछ मामलों में उसे निंदा का
शिकार भी होना पड़ता है
इन सब में अगर काम को
लेकर सवाल उठता है
तब दुनिया कहती है,
हां खुशी के लिए
लिखा जा रहा है,
तो आप वास्तव में क्या कर रहे हैं ?
ऐसा कोई नहीं सोचत
कितना दर्द होता है ये सबाल
सभी को रोजगार मिलना चाहिए
क्या यह महत्वपूर्ण है ?
कार्यात्मक रूप से बोलना
एक कवि अपने लेखन के माध्यम से
देश को बदल देता है,
तो आखिर वे करते क्या हैं?
ये पुछना जरूरी है
पता नहीं और कांशे काम के
इच्छुक होते हैं ये दुनिया
उन्हें लगता है कि यह काम बहुत छोटा है
जो भी ये सोचता है
वो थोड़ा कबी के दुनिया में आए
तब पता चले, कीशे जीबन होती हे
और क्या क्या झेल न पड़ता है
दुनिया को बदलने के चक्कर में
वो खुद को पूरी तरह खो देते हे
ईश्वर के कृपा से आइशी सक्स बहुत कम मिलते हैं
जो कवि बनके दुनिया को सही रास्ता दिखाते है।