कश्मीर न देंगे
कश्मीर न देंगे


अपनी न समझो तुम हम
भारत की जागीर न देंगे
नापाक पाकियों हम तुम्हें
अपना कश्मीर न देंगे...
जो नज़रे देश को हमारे स्पर्श करेंगी
अंजाम वो सभी बहुत बुरा ही भरेंगे
सरलता को हमारी कमज़ोरी न समझो
कुदृष्टियां सभी ही हम दृष्टिहीन करेंगे
हम तब तक चैन न आयेगा
जब तक आतंकियों को चीर न देंगे
भले कुछ भी हो जाए कश्मीर न देंगे..
हमे हमारा देश भारत प्राणों से भी प्यारा हैं
यहाँ की संस्कृति-तिरंगा जगत से न्यारा हैं
इसकी आन मान शान की रक्षा फर्ज हमारा
इसके ही कण-कण से जीवन सँवारा है
देश पुकारेगा जब-जब भी हमें
कर्ज़ चुकाने को बहा हम रक्ते-नीर देंगे
जान भी चाहे जाए हम कश्मीर न देंगे..
भारत की स्वतंत्रता के लिए वीरों ने दी कुर्बानी
फांसी को चूमा हँसकर लुटा दी अपनी जवानी
ख्वाब आज़ादी का पूरा हुआ लेकिन
कीमत में लहू की नदिया पड़ी बहानी
आज़ादी की चिंगारी से दहल गए विदेशी
बता दिया उन्हें भारत तुम्हारे अधीर न देंगे
लड़ेगे आख़िरी साँस तक कश्मीर न देंगे..
अभिव्यक्ति तेवरी शब्दों में चले तीर
क्रान्ति की मशाले जली भूल गए पीर
स्वदेशी गुलशन को गुलिस्तान बनाना है
देव-भगत-बोस-लक्ष्मी ने थामी शमशीर
नम आँख न करें शहीदों की शहादत पर
अपनी मिट्टी-अन्न-धूप-रुत-समीर न देंगे
कीमत कोई भी हो पर कश्मीर न देंगे!