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Kavi Chandrabhan Lodhi

Drama

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Kavi Chandrabhan Lodhi

Drama

कश्मीर में औरंगज़ेब पर समर्पित

कश्मीर में औरंगज़ेब पर समर्पित

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क्यों लगे रहते धर्मो में बांटने,

वो भी तो किसी मुस्लिम का बेटा था।

क्यों कहते हो मज़हब नही होता इनका,

उसका भी तो इस्लाम से नाता था।


देशभक्ति से बड़ी कोई भक्ति नही,

राष्ट्र से बड़ा कोई मज़हब नही।

औरंगज़ेब ने भी राष्ट्र प्रेम दिखाया था,

तब सीने को आंतको ने छल्ली करवाया था।

कहाँँ गए वो कहने वाले,

मुस्लिमो को आतंकी बनाने वाले ?

आज कहो कुछ अपने मुंह से,

हिन्दू मुस्लिम को बांटने वाले।


रमज़ान के उन पाक महीने में,

सीमा पर डटकर उसने काम किया।

जो देश को हम तुम नही कर सकते,

भारत मां को अपना बलिदान दिया।

वो भी तो मुस्लिम था,

वो भी तो सरहद पर था।


आतंकी को भी तो जानते हुए,

हँसकर अपना बलिदान दिया।

पर उसके इस जज़्बे ने,

हमको नतमस्तक करवाया है।

याद रहेगा यह बलिदान तुम्हारा,

व्यर्थ नही हम जाने देंगे।

स्वर्ण अक्षरों में दर्ज हम कराएँगे,

वक्त अभी भी है कुछ।


मत बांंटो हिन्दू मुस्लिम में,

मज़हब बुरा नही होता कोई।

सबका तुम सम्मान करो,

नही कुछ कर सकते तुम भारत में।

तो मज़हब में बांंटना बंद करो,

हिन्दू मुस्लिम हम भाई - भाई हैं।

अब यह नारा तुम शुरू करो,

कौमी एकता की अब बात करो।


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