क़र्ज़दार
क़र्ज़दार
*मुझ पर दोस्तों का प्यार,*
*यूँ ही उधार रहने दो।*
*बड़ा हसीन है, ये कर्ज,*
*मुझे कर्ज़दार रहने दो।।*
*वो आँखें जो छलकती हैं,*
*ग़म में, ख़ुशी में, मेरे लिए।*
*उन सभी आँखों में सदा,*
*प्यार बेशुमार रहने दो।।*
*मौसम लाख बदलते रहें,*
*आएँ भले बसंत-पतझड़।*
*मेरे यारों को जीवन भर,*
*यूँ ही सदाबहार रहने दो ।।*
*महज दोस्ती नहीं ये,*
*बगिया है विश्वास की।*
*प्यार, स्नेह के फूलों से,*
*इसे गुलज़ार रहने दो।।*
*वो मस्ती, वो शरारतें,*
*न तुम भूलों, न हम भूलें।*
*उम्र बढ़ती है..खूब बढ़े,*
*जवाँ ये किरदार रहने दो।।*