कोरोना वायरस
कोरोना वायरस
अदृश्य गरल रस
जीवाणु कोविद उन्नीस
सूक्ष्म जहरीला वायरस
सर्वत्र व्याप्त
सुनामी सा दस्तक
क़ैद में है जगत
हर शख़्स हैं नतमस्तक।
नयी जैविक युद्ध शक्ति
न काट न भेद करे भक्ति
गहन चिंता में सब शीश धरे
बेबस हर मानव, रहम माँग रहे।
पर तुम डरो ना
प्रणाम का महत्व समझो
संपर्क में आओ ना
दूर ही रहो ना
कलयुग की आहट में न फँसो ना
धैर्य धरो, सतर्क रहो ना
इस आफ़त से लड़ो ना
अदृश्य पहचान, आविष्कार
भेदक करो ना...
ज्ञान से अटे मानव खड़े
खोज रहे दवा बड़े
स्वच्छता का ध्यान धरो ना
एक जुट हो बात बात
पर ना लड़ो ना...
उपाय कुछ करो ना
कट जाएगी ये घड़ी
ख़ुशियाँ है थोड़ी दूर खड़ी।
