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VIPIN KUMAR TYAGI

Inspirational

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VIPIN KUMAR TYAGI

Inspirational

कोरोना काल की दीवाली

कोरोना काल की दीवाली

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कोरोना काल की दीवाली, बदली बदली सी दीवाली,

लोग दीवाली पर एक दूसरे के घर जाने से बचे,

लोग एक दूसरे के गले मिलने से बचे,

क्योंकि इस बार बदली बदली सी दीवाली,


लोगों ने दीवाली पर इस बार कम से कम खरीदारी की,

लोगों ने इस बार नए सामान खरीदने में भी कोताही बरती,

क्योंकि इस बार बदली बदली सी दीवाली,

बाजार भी इस बार खाली खाली से थे,

कोरोना के डर से लोग बाजार में जाने से डर रहे थे

क्योंकि इस बार बदली बदली सी दीवाली,


लोगों ने एक दूसरे को मिठाई देने से परहेज़ किया,

लोगों ने एक दूसरे के घर जाने से परहेज़ किया,

क्योंकि इस बार बदली बदली सी दीवाली,

लोगों ने इस बार नई खरीदारी से बचने का प्रयास किया,

बाजार भी इस बार पिछले वर्षों की भांति गुलज़ार न थे

क्योंकि इस बार बदली बदली सी दीवाली,


लोगों पर कोरोना का प्रभाव साफ दिखाई दे रहा था,

लोगों पर अर्थव्यवस्था का प्रभाव साफ दिखाई दे रहा था

क्योंकि इस बार बदली बदली सी दीवाली,

इस बार भी प्रदूषण बढ़ा दीवाली के पटाखों से,

इस बार घरों पर कम रोशनी हुई दीवाली पर,

क्योंकि इस बार बदली बदली सी दीवाली,

कोरोना काल की दीवाली बदली बदली सी दीवाली



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