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Raj Srivastva

Comedy Drama

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Raj Srivastva

Comedy Drama

कोरोना काल औेर ससुराल

कोरोना काल औेर ससुराल

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कोरोना काल में जब पहुंच गया ससुराल !

बहुत ही अजीब सा था वहां का हाल !!

घर की घंटी बजाते ही सास दौड़ी आई !

देख जमाई को आज, मजबूरी मे मुसकाई !!

बोली थोड़ी देर गेट पर आप ठहर जाओ !

वाश बेसिन पर सैनिटाइजर से हाथ धो आओ !!

पढ़े लिखे हो चेहरे पर मास्क नहीं लगाया ?

घर पर ही रहना था किसी ने नहीं समझाया ??


खैर आ ही गए हो तो दरवाज़े पर जूते दो उतार !

पैर धोकर आ जाओ चाय रखी है तैयार !!

मन मे उठा क्रोध पर कुछ कह नहीं पाया !

लगा जैसे जमाई नहीं, कोई राक्षस ससुराल आया !!

इज़्ज़त तो सारी आज कोरोना ने हर ली !

बाकी की कसर सासू माँ ने पूरी कर ली !!


फिर बेआबरू हो कदम साली की ओर बढ़ाया !

वहां से भी नकारात्मक सा उत्तर आया !!

वो बोली सामाजिक दूरी को समझ नहीं पाये ?

हमारे इतनी पास क्यूँ जीजाजी चले आऐ ??

दूर से ही करती हूँ आज आपको नमस्ते !

छोटे साले ने भी दूर से हाथ हिलाया, हंसते हंसते !! 

फिर ससुर जी की मधुर आवाज़ दी सुनाई !

कवारंटाइन करना रे, बाहर से आया है जमाई !!


चाय हाथ में थी, पर नहीं जा रही थी गटकी !

चाय खत्म होते ही, लगाना चाह रहा था घुड़की !!

जो काम सरकार लोकडाउन में नहीं कर पाई !

ससुराल वालों ने एक ही दिन में थी समझाई!

विनती करता हूं तुमसे इन हालात में

ससुराल मत चले जाना मेरे भाई!

सभी ससुराल प्रेमियों को समर्पित


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