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सतीश मापतपुरी

Inspirational

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सतीश मापतपुरी

Inspirational

कोरोना दोहावली

कोरोना दोहावली

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भय विलोम इक भावना, करती जो कमजोर ।

मन में बैठा डर अगर, चले न कोई जोर।


कोरोना का भय अभी, छीन लिया है चैन।

मुँह सूखा बेचैन दिल, डरे - डरे हैं नैन।


कोरोना का सामना, है अचूक हथियार।

संयम से ही काम लें, टहलें ना बाजार।


बिना सबब ना हो सफ़र, रहिए घर में बंद।

बात नहीं है फिक्र की, लगे भले दिन चंद।


मातम को मौका समझ, करते जो व्यापार

उनको प्रभु कर लो तलब,तुम अपने दरबार।


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