कोरोना और हमारा जीवन
कोरोना और हमारा जीवन
यह कैसी महामारी है, पूर्व पृथ्वी पर छाई है
लॉकडाउन भी आया है
सब के काम-काज को बिगाड़ा है
बच्चों का भविष्य है दाव पर
बूढ़ों का जीवन है डाव पर, सब पिकर काढ़े
बढ़ा रहे हैं वायरस से लड़ने की शक्ति
शुरू हो गई है ऑनलाइन पढ़ाई
शुरू हो गया है घर से काम
सब लोग घर पर ही बैठे हैं
कोई बाहर नहीं जा पाया है
कोई त्यौहार नहीं मनाया जाता है
नहीं मिल रही है वायरस की वैक्सीन
डॉक्टर, पुलिसकर्मी और सफाई कर्मी
डटकर कर रहे हैं इस वायरस का सामना
रखते हैं हम सब से दूरी
क्योंकि यही है जरूरी, क्योंकि यही है जरूरी।