कन्या भ्रूण हत्या गीत
कन्या भ्रूण हत्या गीत
गला मत घोंट ममता का, करो मत पाप हे नारी!
गर्भ में क्यों मिटाती हो जो है सन्तान ये प्यारी!!
अगर मिटती रही कलियां खिलेंगे फूल फिर कैसे।
सजाओं बाग तुम अपना चला मत पाप की आरी।
गला मत घोंट ........
नही अबला रही सबला हुई तू निज प्रयत्नों से।
अज़ब सी शक्ति है तुझमे भरी है कितने रत्नों से।।
बजा कर विश्व मे डंका हुई बलिदान है नारी।
गला मत घोंट ...........