कमल दल फूले
कमल दल फूले
बीता रात कमल दल फूले
नयनों में स्वप्न आ -आ झूले
बीती रात कमल दल फूले
चांद- चकोरी प्रेम रस घोलें
शब्द पंखुड़ियां हँस -हँस पट खोलें
बीती रात कमल दल फूले
निंदिया आ -आ आंखें मूंदे
इन्तज़ार की घड़ियां अंखियां खोलें
शब्द पंखुड़ियां चुप -चप बोलें
बीती रात कमल दल फूले
तुम आओगे मन यह बोलें
बीती रैना फिर हौले -हौले
बीती रात कमल दल फूले
हुए अम्बर को, किरणों के घेरे
सो गई रात, दिन के हुये नये फेरे
बोझिल चकोरी और चांद के डोरे
शब्द पंखुड़ियों ने रो -रो धो लियें
बीती रात कमल दल फूले
हृदय पपीहा शूलों पर झूले।