कलम
कलम
ए कलम लिख,
कोई एक अनूठा कलाम,
करें जिसके हर शब्द को,
सब सलाम।
अनोखा एक संदेश, शब्दों में हो,
अर्थो में जिसके हों ढेरों जवाब।
ए कलम लिख,
कोई एक अनूठा कलाम।
गहराइयां इतनी, गहरी हो उसमें,
समुन्दर भी छोटा लगे हर, झलक में,
हो शब्दों में कोई अनोखा प्रमाण,
प्रमाणित करें हर कुरीति को आज।
ए कलम लिख,
कोई एक अनूठा कलाम।
क्यूं अपमान, नारी का,
हर दिन हुआ है?
क्यूँ अपराधी ने हरदिन,
उसको छुआ है?
तू कर अपने शब्दों से,
ऐसा कमाल,
लिख डाल कोई एक ऐसा कलाम,
जो बन जाए, भारत की माँ का सम्मान।
ए कलम लिख,
कोई एक अनूठा कलाम।
तू लिख कोई अदभुद,
अनोखा सा गान,
बने जिससे, विदेशों में भारत की शान।
ए कलम लिख,
कोई एक अनूठा कलाम।
गरीबी के नाम तू लिख एक कलाम,
हर दूसरा भारतवासी है आम
सामने ला, तू सबकी, गरीबी की गाथा
बच्चा क्या बूढा, हर शख्स है प्यासा
तू जगा इस जगत में,
जागृति की मिशाल,
ए कलम लिख,
तू कोई अनोखा कलाम।