कलम
कलम
कलम कहता है लिखते जाओ,
खत्म हो जाए तो रुको नहीं,
नए कलम की तलाश करो,
नहीं मिले फिर भी प्रयास करो।
मिल जाए तो लिखते जाओ,
कलम कहता है लिखते जाओ।।
विश्वास करने की चीज है ये,
लिखती जो तकदीर है ये।
इसी ने बताया इतिहास हमें,
इसी ने कराया आजाद आजाद हमें।
कराया रूबरू उन जंजीरों से,
जकड़ी थी सोने की चिड़िया जिससे।
चिड़िया बोली आजाद कराओ,
कलम कहता है लिखते जाओ।।
अंग्रेजों ने भी कलमों भी बांधा जंजीर,
फिर भी आजादी पाई इसने अंग्रेजों का सीना चीर।
दफ़न कर दिया जंजीरों को कफ़न बिना ओढाए,
छोड़ देश भागे फिरंगी रात गए शर्माए।
कलम यही इतिहास बताए।
जाते - जाते कह गए फिरंगी
आजाद हो तुम उड़ जाओ,
कलम कहता है लिखते जाओ।।