"कक्षा का वो यादगार पल"
"कक्षा का वो यादगार पल"
"कक्षा का वो यादगार पल"
क्या खूब था वह ईयर,
जब बच्चो में था सर का फियर।
कितने अच्छे थे वह चश्मे,
जिनमे छुपी रहती थी मैम की नजरे।
कितना मार्गदर्शन था मैम के गुस्से में,
जो सिखाता था व्यवहार है सिर्फ अध्ययन में।
कितनी अनोखी थी वो तकनीकि पाठशाला,
जो सीखायी जाती थी अध्यापक द्वारा।
कितनी सुंदर थी वो ज्ञान की बहारे,
जहा गुरुवर कहते थे यही है सुन्दर समकालीन भारत हमारे।
क्या खूब था वो दर्शन ज्ञान,
सर कहते थे आएगा तुम्हारे काम।
कितनी मन में थी हमारे वैज्ञानिकता,
जहां मास्टर जी के गुस्से में थी व्यवहारिकता।।
