कितना अजीब है न
कितना अजीब है न
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कितना अजीब है न
जो इंसान रोते हुए
जिन्दगी में आता है
वही इंसान सबको
रुलाकर चला जाता है।
कितना अजीब है न
जो चीज शुरूआत में
बिल्कुल सही लगती है
वही चीज गलत
साबित हो जाती है।
कितना अजीब है न
जो इंसान प्यार करना
सिखाता है
वहीं इंसान नफरत
सीखा जाता है।
कितना अजीब है न
जो इंसान हँसाता है
वही हमें रुलाता है।
कितना अजीब है न
जो इंसान रिसता जोड़ता है
वहीं उसको तोड़ता है।