ख्वाहिशो का आसमान
ख्वाहिशो का आसमान


सुनहरे सपने लिए
अपना सुनहरा सा
आसमान बनाना चाहती हूं मैं
अपनी एक अलग पहचान
चाहती हूं मैं भी
अपना एक छोटा
सा आसमान
उड़ना चाहती हूं मैं
उस आसमान में
नजर आता हो जहां से
' एक ' सारा जहान
चाहती हूं मैं अपना
एक छोटा सा आसमान
मत बांधो मुझे
बंधनों मे
मत जकड़ो मुझे
बेड़ियों मे
भरना चाहती हूं
मैं उड़ान
चाहती हूं मैं
सफलता की बुलदी से चमकताआसमान
न हो भेद जिसमें
गोरे- काले का
न हो भेद जिसमें
जाति- धर्म का
न भेद हो बेटा बेटी का
हो सारे इंसान
एक समान
चाहती हूं मैं
ऐसा एक
सतरंगी आसमान----------
खुशियो से सजा सतरंगी आसमान।