STORYMIRROR

Raveesh Tiwari

Inspirational

4.7  

Raveesh Tiwari

Inspirational

खुद से एक मुलाक़ात

खुद से एक मुलाक़ात

1 min
342


कुछ खुद को भी टहलाया जाए

कब तक औरों को फुसलाया जाए


गर आती बदबू गैरों से

तो खुद को भी नहलाया जाए


उसको बातें समझ न आतीं

अब खुद को ही समझाया जाए


आज तलक जो दूर ही बैठा

अब उसको पास बुलाया जाए


इसकी उसकी बहोत हुई अब

खुद भी कुछ शरमाया जाए


दिल पर उसके घाव बहुत हैं

अब जख्मों को सहलाया जाए


गैरों से जो फरमाया हमने

बस उसको ही अपनाया जाए


अपना और पराया छोड़

सबको गले लगाया जाए।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational