बीना शर्त प्रेम
बीना शर्त प्रेम
अब जाने जो उसका फैसला हो
खुदा करे कि बस हौसला हो
जीना तेरे बगैर मुश्किल होगा
तू नहीं तो क्या हासिल होगा
हर शै हर हर्फ़ मेरा जिक्र क्यों है
गर इश्क नहीं तो ये फिक्र क्यों है
ईमान देता है जाने किसकी इजाजत
उसकी आरजू करूं या करूं इबादत