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कुमार संदीप

Abstract

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कुमार संदीप

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ख़ुद से ज्यादा तुमसे प्रेम

ख़ुद से ज्यादा तुमसे प्रेम

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तेरी मुस्कान में तेरी ख़ुशी में

मैं अपनी ख़ुशी ढूंढता हूँ

तू रहे खुश हर पल इसलिए

हर पल चिंतित रहता हूँ।


गम दूर रहे तुझसे इसलिए

ख़ुद की ख़ुशी की परवाह नहीं करता हूँ

हाँ तू मेरी जीवनसंगिनी है

मैं ख़ुद से ज्यादा तुमसे प्रेम करता हूँ।


अपना जीवन किया समर्पित

मुश्किल न आए तुझ पर इसलिए

ख़ुद मुश्किलों से हर पल लड़ता हूँ

तेरी चेहरे की मुस्कान बनी रहे सर्वदा इसलिए

ख़ुद की मुस्कान मैं भूल चुका हूँ।


आजीवन निभाऊंगा साथ सदा

है वादा तुझसे मत समझना

अकेला किसी मोड़ पर

हाँ तू मेरी जीवनसंगिनी है

मैं ख़ुद से ज्यादा तुमसे प्रेम करता हूँ।


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