इसरो
इसरो
यूं मन को मन समझाता है।
पर मुझे समझ ना आता है।
संपर्क टूट संकल्प अभी भी।
होंगे कायाकल्प कभी भी।
भारत के शिखरों के आगे,
सारा जग है अल्प अभी भी।
नामुमकिन को मुमकिन करना,
हिन्द का कर्म कहलाता है।
यूं मन को मन समझाता है।
पर मुझे समझ ना आता है।
गगनयान की बारी होगी।
नीचे दुनिया सारी होगी।
भारतवासी हठ कर बैठे,
अबकी जीत हमारी होगी।
इसरो सौ - सौ बार नमन है,
बाधा को गले लगाता है।
यूं मन को मन समझाता है।
पर मुझे समझ ना आता है।
