खेल बनाम कैरियर
खेल बनाम कैरियर
बचपन से सुनते आए हैं
खेलोगे कूदोगे बनोगे खराब
पढ़ोगे लिखोगे बनोगे नवाब पर ....
दुनिया तो बदल गई है
इतना कुछ बदला कि
अब इस लोकोक्ति का
मायना ही बदल गया।
अब तो कहते हैं
खेलोगे कूदोगे बनोगे नवाब
पढ़ोगे लिखोगे हो जाओगे बेकार.....
सच में .....
आज सभी खेलों को
अपना कैैरियर बना कर चलते हैं
केवल खेलना ही नहीं
जीवन में बहुत कुछ पाना
आगे बढ़ना
यह सब खेलों से जुड़ा है।
मेहनत का फल तो
हर इंसान को मिलता ही है
जैसा करोगे वैसा भरोगे
सोचते थे खेलेंगे कब तक ?
कुछ उम्र बाद छूट जाएगा
लेकिन ऐसा नहीं है अब !
खेलों के कारण मिल जाती हैं
बड़ी-बड़ी नौकरियां
अच्छे-अच्छे ऑफिस
जानदार तनख्वाह
खेलने का मौका
हैं न मजे !
इसीलिए तो कहते हैं
खेलोगे कूदोगे बनोगे नवाब
पढ़ोगे लिखोगे
करोगे नौकरी का इंतजार !
विश्व के खिलाड़ी
बताते हैं कहानी
खेलों से भी है
सुन्दर जिंदगानी।
पैसा, रूपया, नाम,
सब है यहाँ
बस ! पसीने की भट्टी में
तपाना पड़ेगा, आलस्य त्याग
दिन रात अभ्यास कर
विश्व पटल पर
देश का नाम
रोशन करना पड़ेगा।
पहचान फिर स्वयं बन जाएगी
आकाश की बुलंदियों
पर पहुँचाएगी।