कहानी हौसलों की
कहानी हौसलों की


ख्वाब और हकीकत की
ये जंग और तकरार,
न जाने कौन सा लायेगी
ये रंग और बहार।
दबंग हौसलों से लिखता हूं,
कागज पर कहानी अपनी,
देख खु़दा भी पूछ उठता है
बता क्या है तेरी अर्जी।
हौसलों की स्याही से
लिखनी है कहानी अपनी,
शब्दों की दुनियां में
बनानी है मिसाल अपनी।
जोश और जुनून कम न होगा,
कर्मो का तूफान कम नहीं होगा,
पा लूंगा ये मुकाम भी,
इतना तो जोश जज्बा रखता हूं।
मंजिल कैसी भी हो,
पहुंचने का दम रखता हूं,
यारो कोशिशें में
दर-बद़र करता रहूंगा,
जब तक है जान लड़ता रहूंगा।