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Chitralekha

Abstract Classics Inspirational

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Chitralekha

Abstract Classics Inspirational

जय श्री राम

जय श्री राम

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हमने सोचा था अबके राम जनम को भव्य बनाएंगे

और धूमधाम से बाजे गाजे साथ अयोध्या जाएंगे

तो राम जी हमसे बोल गए की मानवता संकट में है

जो महा आपदा से हारे वह लोग अभी मरघट में हैं


इतनी विपदा मानवता पे आखिर कैसे सह सकता हूं

इस वक्त भला मै मंदिर में आखिर कैसे रह सकता हूं

इस बार मैं खाकी वर्दी में सड़कों सड़कों पे घूम रहा

जो लोग हैं खाना बांट रहे उनके हाथों को चूम रहा


मैं एक चिकित्सक के अंदर मैं आज सफाई वाला हूँ

जो बचा रहे मानवता को मै उन सबका रखवाला हूँ

मेरे दर्शन से बेहतर है तुम उन्हें सलामी दे देना

भूखे को भोजन दे देना प्यासे को पानी दे देना


हरा के इस संकट को भारत का सीना तन जाएगा

खुशियों के आंसू निकलेंगे और रामजन्म मन जाएगा।


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