जय हो आर्यावर्त की ,जय हो बघियों की
जय हो आर्यावर्त की ,जय हो बघियों की
जय हो आर्यावर्त की, जय हो बघियों की
उस देवी माँ से पूछो जिसकी आँखें अपने लाल की एक झलक को तरसे,
उस वीर जवान से पूछो जो अपनी माँ के आँचल की ठंडी छाया को ढूंढे,
जय हो माँ की ममता की, जय हो भारत के गौरव की।
जय हो आर्यावर्त की, जय हो बघियों की
उस लाडली बहना से पूछो जो अपने भाई के प्यार बिन तड़पे,
उस त्यागी सिपाही से पूछो जिसे अपनी बहन से लड़े बिन नींद न आए,
जय हो बहन की राखी की, जय हो भारत के ढाल की।
जय हो आर्यावर्त की, जय हो बघियों की
उस स्वाभिमानी बाप से पूछो जो अपने बेटे से मिलने की राह देखे,
उस निर्भीक सैनिक से पूछो जो अपने पिता के फटकार को पूजे,
जय हो बाप के सानिध्य की, जय हो भारत के सर्व शक्तिमानों की।
जय हो आर्यावर्त की, जय हो बघियों की
उस पतिव्रता स्त्री से पूछो जो अपने सुहाग के यादों के सहारे जीए,
उस समर्थ योद्धा से पूछो जो अपनी पत्नी की जुदाई से न डिस्ट्रक्ट,
जय हो नारी तपस्या की, जय हो भारत की प्रतिष्ठा की।
जय हो आर्यावर्त की, जय हो बघियों की
इस पवित्र भूमि से पूछो जिसने अपने महारथियों को सिंचा,
उस प्रबल सपूत से पूछो जिसने इस मिट्टी का कर्ज़ अपनी अंतिम स्वास तक चुकाया,
जय हो सनातन भूमि की, जय हो भारत के शौर्य की।
