जताना नहीं चाहता ..
जताना नहीं चाहता ..
कहतें हैं कि पिता दुख जताना नहीं जानता ,
परन्तु वह तो दुख जताना नहीं चाहता!
नौकरी की कोई बात उसे सता रही है,
बेटी बाहर टहलनें के लिए रोती जा रही हैं ।
ख़ुद के गमों को पराया कर ; बेटी के साथ टहलनें जाता,
परन्तु वह तो दुख जताना नहीं चाहता!
हफ़्ते का सबसे प्यरा दिंन होता है उसके लिए रविवार,
जब परिवार के साथ होती हैं मस्तियाँ दो-चार ।
घर की खुशी के लिए जान दांव पे लगा आता ,
परन्तु वह तो दुख जताना नहीं चाहता!
खुंन-पसीने की कमाई से घर की चार दिवार बनाता ,
कभी-कभी अपनी मां के कंधों पर सर रखकर बैठ जाता,
कहतें हैं कि पिता दुख जताना नहीं जानता ,
परन्तु वह तो दुख जताना नहीं चाहता!
