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SushreeBaisakhi Sahoo

Abstract

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SushreeBaisakhi Sahoo

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जरूरी है क्या

जरूरी है क्या

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जरूरी है क्या

तुम तोड़ दो और मैं टूट जाऊं, 

फिर टूट कर भी तुम्हे ही चाहूं 

ये जरूरी है क्या ?


तुम बोल दो और मैं सुन लूं

फिर तुम्हे सुनके थोड़ा सा रो लूं, 

रोते रोते तुम्हे फिर से गले लगा लूं 

ये जरूरी है क्या ?


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