जमीन से जुड़
जमीन से जुड़
ओ अहंकारी इंसान
क्यों बनता है नादान
पाकर धन दौलत ऐश
तू बन बैठा है भगवान
इतना ना उड़ आसमां में
एक दिन धड़ाम से गिरेगा
फिर कोई ना साथ होगा
तू अकेला ही पड़ा रहेगा
इतना अभिमान ना करना तू
ये रंग रूप ना तेरा अपना है
धन दौलत ताकत सब उसकी
ये जगत एक सुंदर सपना है
दो मीठे बोल से जग जीत ले तू
आचरण व्यवहार संयमित रखना
जीता है वही जो जमीं से जुड़ा हो
ज्ञानी लोगों का है बस यह कहना।