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Krishna Bansal

Inspirational

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Krishna Bansal

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जल संरक्षण

जल संरक्षण

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प्यासे कौवे ने तो प्यास बुझाई 

घड़े में कंकर डालकर 

पानी की सतह ऊपर कर।

जिस दिन घड़े में ही पानी न रहा 

कौआ कहां जाएगा 

भाग कर या उड़ कर। 


जल की कमी महसूस की जाने लगी है 

जल सरंक्षण की मांग बढ़ने लगी है 

इससे पहले कि जल के लिए 

मचे हाय तौबा 

सूख जाए नदी नाले .

जल स्तर चला जाए 


हज़ार फीट धरती के नीचे 

झरना बन जाए 

बीते दिनों की बात

कोई तो लो 

गम्भीरता से यह बात 

कोई भी साधन अपनाओ 

नदियों में गिरते 


उद्योगी अपशिष्ट को रोक कर 

जल को मितव्ययिता से बरत कर 

पेड़ लगाओ

जंगल उगाओ 

जनता सचेत करो 

कानून बनाओ 


जनाब

कुछ भी करो

जल सरंक्षण करो 

आने वाली पीढ़ियों के लिए 

जल बचाओ। 

जल है तो जीवन है।


यही है आज की पुकार

जल प्रकृति का अनुपम

उपहार जब तक मिल रहा था 

सब प्राणियों को भरपूर 

किस ने सोचा था 

जल की कमी भी हो सकती है।


जिस दिन जल की हो 

जाएगी कमी 

कैसे चलेगी जिंदगी।

क्या सोचा है कभी ?


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