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Ishan Ahmad

Abstract

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Ishan Ahmad

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जल ,प्रकृति और पर्यावरण

जल ,प्रकृति और पर्यावरण

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माँ सा स्नेह देती 

पवन 

सुबह होते ही 

गोद लेती 

धूप 

चादर ओढाकर जिसे 

रात पालती

वही 

निरीह मांसल सा 

अंकुर

झेलता है मार 

ओला,बारिश,सूखा,झंझावत,प्रदूषण.

की 

और 

अंत में 

काट दिया जाता है 

इन्हीं निर्मम हाथों से

 

  


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