STORYMIRROR

Astha Trivedi

Abstract

2  

Astha Trivedi

Abstract

ज़िन्दगी की राह

ज़िन्दगी की राह

1 min
466


जिन्दगी की

अनजान सुनसान राहों में

मिल जाते हैं साथी कई।


कुछ कदम

दो कदम साथ चलकर

मोड़ आने पर मुड़ जाते हैं कहीं।


फिर कभी यादों में

तो कभी बातों में

झलक जाते है कभी।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract