जिंदगी बोली है
जिंदगी बोली है
चलो कुछ नया लिखूँ, ऐ इन्सान मैं कुछ लिखूँ
मन तेरा चाहे जब तू सुसाइड करता हैं,
ये जिंदगी है तेरी कितनी मुश्किल से
मिलती है तू क्यों नहीं समझता हैं
दिल लगा रहा है तू उससे,
जो तुझे चाहता ही नहीं ऐसा करने के लिए,
जिंदगी हूँ मैं तेरी, तू ऐसे मुझे बर्बाद क्यों करता है ️
कभी️ कभी️ कभी️ कभी️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️
ऐ इन्सान अब ये सब कर सकते हैं,
दूसरों से ईश्या बनाना कर दे।
आज मुझे खुद ये लिखना पड़ता है,
तू समझता नहीं मुझे समझाना पड़ता है
ये एक ऐसी घटना होती है जो बहुत अधिक होती है,
जीवन बोय आजय से, कुछ ऐसा ही है।