इंसाफ नहीं मिला उसको
इंसाफ नहीं मिला उसको
एक चीख मुझे आज भी सुनाई देती है ,
वो निभ्रया हर बल्तकारी लड़की मे दिखाई देती है।
एक लड़की की इज्जत उसका सबकुछ होती है, अगर वो ही चली जाए तो वो बर्बाद होती है। उस लड़की का बलात्कार किया, उसके गुहनेगारो को माफ किया।वे नाबालिग है ये कहकर छोड़ दिया।
कुछ जख्म बाकी है उसके आज भी, देखती है वो जब अपने आप को शीशे में चिल्ला ती है वो आज भी। मर- मर के जी रही है वो, कोई अपनाता क्यों नहीं उसको क्योंकि इन्साफ नहीं मिला उसकों। अपनी बालकनी में खडी़ होया करती थी वो, वो खुले बालों में बड़ी प्यारी लगती थी वो। आज देखती है वो उस बालकनी को नहीं उठते कदम अब वहाँ खड़े होने को।
पता सिर्फ उसको था मेरे गुनहेगार नाबालिग नही थे वो, कानून अन्धा है सच में आज समझ में आया उसको।
अब पहले जैसी ना रह पाएगी वो, हर दिन मरती है वो फिर सुसाइड ही करेगी वो।
