STORYMIRROR

Dr. Akansha Rupa chachra

Inspirational

4  

Dr. Akansha Rupa chachra

Inspirational

जीवन

जीवन

1 min
298



यह जीवन है कितना आनन्दमय 

हमे सम्भल सम्भल कर है चलना 

पग पग पर है धोखा 

देख देख पग है धरना। ।


इस जीवन मे देख देख कर चलना है 

कभी धोखा नही खाना है 

जो पथ बदल गया तो 

जीवन सुखमय नही कर पाना है।।


इस जीवन मे उलझने आती रहती है 

उनसे घबरा कर नही डरना है 

जो घबरा गये उलझनो से 

जीवन सफल ना कर पावोगे। ।


इस जीवन मे हमे जो मिला है 

उसमे ही सन्तुष्ट रहना है 

जो जीवन मे सन्तुष्ट नही 

नया मिलने पर क्या सन्तुष्ट होगा।।।


इस जीवन मे सन्तुष्टी ही आनन्द है 

जो सन्तुष्ट नही वह दुख पाता है 

प्रेम लखन कहे यह जीवन ईश्वर की देन है 

इसी मे हमेशा सन्तुष्ट रहना है।।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational