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Puru Malav

Inspirational

4  

Puru Malav

Inspirational

जीवन - वस्त्र

जीवन - वस्त्र

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मैं सिलना चाहूंगा पुनः

जीवन के वस्त्र को

यदि सम्भव हो तो

महीन या मोटा जैसा भी मिला मुझे


मैं सफ़ेद ही रखूंगा इसे

पर बटोरूंगा प्यार के रंग

और रंगता चला जाऊंगा 


जहां भिचती हैं मेरी आत्मा तंगाई से

वहां कुछ ढीला छोड़ दूंगा

बटन कम ही होंगे

बस दो या तीन

मगर जेबें बहुत रखूंगा


एक मैं रखूंगा टॉफियां

जिन्हें काफ़ी ना- नुकुर के बाद

बच्चों में बांट दूंगा

और बदले में भर लूंगा प्यार


एक में बुजुर्गों की दवाइयां

जिन्हें मैं खुद देने जाऊंगा

और बदले में भर लाऊंगा दुआएं

उसी जेब में


एक जेब सीने पर 

जिसमें कलम नहीं गुलाब रखूंगा

कलम हाथ में रखूंगा 

हथियार की तरह


और एक चोर जेब 

छुपाये रखूंगा जिसमें सारे दुःख

अपने और पराए


सिलना चाहता हूं किफायत से

ताकि औरों के लिए भी कुछ बचा सकूं।


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