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Devkaran Gandas

Inspirational

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Devkaran Gandas

Inspirational

जीवन प्रकृति

जीवन प्रकृति

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प्रकृति की धानी चुनर को 

ओढ़ धरा यूं खिली हुई है

सूरज की किरणों के संग में

लालिमा ज्यों मिली हुई है ।


इस रंगत में रचा बसा है 

प्रकृति का प्रेम भरा पल

जीवन को यूं जीते जाओ तुम

ज्यों झरना बहता है कलकल ।


पंछी की कलरव को सुनो तुम

मीठे से गीत सुनाते हैं 

नदियों की धारा में बहो तुम

जीवन संगीत बनाते हैं ।


ये पर्वतों की ऊंची चोटियां 

जीवन लक्ष्य निर्माण करें 

सागर के तल में जाओ तुम

ये रत्नों से गोद भरें ।


पेड़ों की छाया को देखो

सुख के दिन आभास कराए

सूरज की गर्मी भी देखो

दुख के दिन कटते ही जाए ।


चन्द्र- कलाएं ये बतलाती

वैभव घटता बढ़ता है 

चींटी की मेहनत से सीखो

परिश्रम ही आगे बढ़ता है ।


धरती की ये गहरी घाटियां

दिल के राज बताती है 

एक बार आवाज दो तुम

ये पुनरावृत्ति दोहराती हैं ।


मानव जीवन का पूरा सांचा

प्रकृति के हर रंग में बसा है

प्रकृति से सीख चलो तुम

फिर जीवन का अपना ही मजा है ।

    


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