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मनीषा सोनी

Abstract

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मनीषा सोनी

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जीवन का मापतोल

जीवन का मापतोल

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सही को गलत और गलत को सही बताकर,

छोटी - छोटी बातों का अनगिनत अर्थ लगाकर ,

आपने अहंकार को भूल क्या कभी छोटा बन पाते हो,

सच बताना ,

क्या, जीवन का मापतौल तुम कर पाते हो...!!!!


प्रेम और अपनेपन का एहसास करवाकर,

मीठे की महत्वकांक्षाएं बताकर,

जिम्मेदारियों का बोझ उठाकर,

क्या... सरल जीवन यापन कर पाते हों,

सच बताना...

क्या तुम जीवन का मापतौल कर पाते हो....!!!!


उठकर गिरना फिर गिरकर संभलना...

मन मैं उठते इस ज्वार में,

क्या कल्पनाओं की उड़ान भर पाते हो,

सच बताना... 

क्या तुम जीवन का मापतोल कर पाते हो....!!


सूरज की किरणों से लेकर.... रात की चांदनी होने तक,

अपने कर्मो को अच्छा बुरा कुछ कह पाते हो,

तुम्हारे दुनिया में आने से लेकर...

इस दुनिया से चले जाने तक का हिसाब तुम रख पाते हो,

सच बताना.... 

क्या तुम जीवन का मापतौल कर पाते हो....!


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