जीत तुम्हारी हो
जीत तुम्हारी हो
मन से हारे तो हार जाओगे
मन से जीते उस पार जाओगे
तुम जीते हो जीत तुम्हारी होगी
बुलंद सोच ललकार पाओगे।
तुम नहीं हारोगे हारना आता नहीं
जीत मुसकिल नहीं हार पाओगे
हार जीत की राह दिखाएगी
बीतता वक्त ये भी गुजार जाओगे।
गिरो उठो झरनों की तरह
बाधाओं पारकर संसार पाओगे
सांस अंतिम तुमको लड़ना है
उम्मीद जिंदा जिंदगी उधार पाओगे।
इस पार या उस पार फैसला करो
न लड़े कोई न मददगार पाओगे
काम ज्यादा और जिंदगी कम है
गंवाया समय न मंजिल न यार पाओगे।
जो जीता वो सिकंदर हुआ
कल को भूल आज का प्यार पाओगे।
