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Deepika Dakha

Inspirational

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Deepika Dakha

Inspirational

जीत हमारी होगी

जीत हमारी होगी

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हर रोज डूबता है सूरज, दिन ढ़लने के बाद,

हो जाता हैं रोज अंधेरा, दिन ढ़लने के बाद। 


उस घोर अँधेरे की भी समय सीमा तय होती है, 

उगता है फिर से सूरज और काली रात विलय होती है। 


इसी तरह से सुख और दुख भी आते-जाते हैं, 

जीवन की राह में कई मोड़ और अनुभव लाते हैं। 


मंजिल पाने की राह में चलते रहना भी जरुरी हैं, 

संभल कर चलने के लिए ठोकर लगना भी जरुरी है। 


साहस के आगे कोई भी मुश्किल टिक नहीं पाती है, 

कोई लाख लगाए मोल मगर सच्चाई बिक नहीं पाती है, 


एकजुटता और सहयोग से हम प्रलय रोक सकते हैं, 

आने वाली हर विपदा को अग्नि में झोंक सकते हैं। 


है मन में धैर्य अगर तो जग में प्रीत हमारी होगी, 

इस हार-जीत के द्वंद्व में अब जीत हमारी होगी। 



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