जीने की तमन्ना
जीने की तमन्ना
आप इस दिल में इतने मशहूर है
शिकवों-शिकायतों की बस्ती से कोसों दूर है
आप तक बस मेरी सदायें पहुँच रही है
और एक आप है जो हमें कहते मग़रूर है।
इतने दिनों बाद भी आप ने यही जाना
हम आपके दिल मे नहीं दिल से कोसों दूर है
हमारी धड़कनों को ज़रा धड़कनें का इरादा
जो हुआ है उसमें आपकी रज़ा भी रज़ामंद ज़रूर है।
मैं यह नहीं कहता की आप भी चाहो मुझे
मुझ-सा बस इतनी ख़्वाहिश है
आप इतना ज़रूर समझे जो मेरा
समझ रहे हैं वो आपका हुज़ूर है।
चन्द लम्हों को जीने की तमन्ना है
आपमें सिमटकर कुछ आपसे लिपटकर
ज़िस्म तो न फ़रमान है मग़र
रूह में हरसू आपका ही नूर है।

