STORYMIRROR

Ervivek kumar Maurya

Abstract Inspirational Others

4  

Ervivek kumar Maurya

Abstract Inspirational Others

जीने की राह छोड़ दूँ

जीने की राह छोड़ दूँ

1 min
236

जीने की राह छोड़ दूँ

ऐसा तो मैं नहीं हूँ,

साहस मुझमें है अभी

कायर तो मैं नहीं हूँ।

जीने की राह छोड़ दूँ,

ऐसा तो.....


जीवन भी एक है तो

पानी का बुलबुला,

कब कैसे फूट जाये

ये किसको क्या पता।

जीवन बड़ा कठिन है,

उलझा तो मैं नहीं हूँ।

जीने की राह छोड़ दूँ,

ऐसा तो......


मकड़ी हमें सिखाती,

कैसा है जाल बुनना।

मोह माया के जग में,

खुद तो नहीं है फँसना।

गर कुछ बना नहीं हूँ,

बिगड़ा तो मैं नहीं हूँ।

जीने की राह छोड़ दूँ,

ऐसा तो......


नन्ही चींटी हमको,

अथक परिश्रम सिखाती।

कुछ दूर चढ़ है जाती,

फिर गिर के है, फिर चढ़ जाती। 

गर बुलन्दी पे मैं नहीं हूँ, 

हारा तो मैं नहीं हूँ। 

जीने की राह छोड़ दूँ,

ऐसा तो.....


विपदा हमें सिखाती,

कैसे हमें है बचना।

समय के चक्रव्यूह से,

किस तरह हमें निकलना।

गर सफ़र में, मैं नहीं हूँ,

भटका तो मैं नहीं हूँ।

जीने की राह छोड़ दूँ, 

ऐसा तो मैं नहीं हूँ।  



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract