जीना मेरा हक है
जीना मेरा हक है
जब आई मैं बाहर
माँ की कोख से
उमड़ पड़ी सब भीड़
लोगों की दृष्टि
आगे बढ़े लाखों हाथ
मुझे प्यार से चूमने
दुलारने और सँवारने
आशीष देने !
नहीं – नहीं
ये तो मेरा
गला दबाना चाहते हैं
जन्म लेते ही मारना चाहते हैं
भला क्यों…?
शायद मैं लड़की हूँ
पर मैं भी जीना चहती हूँ।
जीना मेरा हक है
सिर उठाकर जीना
ये हाथ मेरी ओर
क्यों बढ़ रहे हैं..?
क्यों मार रहे हैं मुझे ?
क्यों नहीं मारते
समाज में फैली बुराई को ?
क्योंकि…
आसान है मुझे मारना
मुश्किल है बुराई से लड़ना
अरे कायर !
मत मारो मुझे
मुझे जीने दो
क्योंकि
जीना मेरा हक है
जीना मेरा हक है।
