जिदंगी
जिदंगी
यूँ कहूँ तो क्या है जिदंगी पर कहु तो क्या
टेढ़ी सी मेढ़ी सी खटी सी मीठी सी
इसी का नाम है जिदंगी,
छोटी सी लेकिन लंबी सी
सभी की अपनी सी जिदंगी,
जहाँ गम है तो खुशियाँ भी
जहाँ होती है सवेरे आँखों में
अरमान दिल में एक आरज़ू लिये
जहाँ होती है रात उसी अरमान और
आरजू को पूरा करते
अब समझा क्या है जिंदगी खट्टी सी
मीठी सी अहसास है जिदंगी
थोड़ी सी हँसी थोड़ी सी शरारत
थोड़ा सा उतार थोड़ा सा चढ़ाव
इसी का नाम है जिदंगी l